दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना उत्तर प्रदेश 2025-26 (Up Divyang Vivah Protsahan Puraskar Yojana)
दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना परिचय
उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा दिव्यांग नागरिकों के लिए बहुत सी कल्याणकारी योजनाए चलाई जा रही है जिससे सामाज समानता लाई जा सके। इन्हीं राज्य सरकार की योजनाओं में से एक है “यूपी दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना”।इस योजना का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को समाजिक जीवन के साथ जोड़ना,समानता लाना और इनके वैवाहिक जीवन में आर्थिक रूप से मदद प्रदान करना है।
अक्सर हमारे समाज में यह देखा जाता है कि दिव्यांग व्यक्तियों हीन दृष्टि से देखा जाता है। इसके कारण उन्हें शादी करने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों को कम करने व उनके आत्म-सम्मान को बढ़ाने और समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार यह सहायता राशि देती है। इस योजना के तहत ऐसे पति-पत्नी को विवाह प्रोत्साहन (सहायता राशि) प्रदान की जाती है, जिनमें से एक या दोनों जीवनसाथी दिव्यांग हों।
दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के महत्वपूर्ण बिंदु (Key Highlights)
बिंदु | विवरण |
---|---|
योजना का नाम | दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
विभाग | दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग उत्तर प्रदेश |
लाभार्थी | राज्य के दिव्यांग व्यक्ति (दूल्हा/दुल्हन) |
सहायता राशि | 15,000 रुपये से लेकर 35,000 रुपये तक |
इस योजना मै आवेदन करने का तरीका | ऑनलाइन |
विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना की आधिकारिक वेबसाइट | divyangjan.upsdc.gov.in |
दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना का उद्देश्य (Purpose of Marriage Incentive Award Scheme)
विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना का उद्देश्य दिव्यांग जनों को प्रोत्साहन देना है ताकि वे विवाह करने के लिए आगे आएं और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सकें।
इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि दिव्यांगता विवाह में बाधा न बने, बल्कि समाज उन्हें समान दृष्टि से देखे।
मुख्य उद्देश्यों को इस प्रकार समझा जा सकता है:
- दिव्यांग नागरिकों के विवाह को प्रोत्साहन देना।
- सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देना।
- दिव्यांग जनों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
- उनके आत्मविश्वास एवं सम्मान को सुदृढ़ बनाना।
- विवाह के बाद जीवन यापन में प्रारंभिक सहायता उपलब्ध कराना।
दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अंतर्गत मिलने वाला लाभ (Benefits Of Divyang Marriage Incentive Scheme)
राज्य की सरकार द्वारा पात्र दिव्यांग लाभार्थियों को नीचे दी गई सारणी के अनुसार सहायता राशि प्रदान की जाती है। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से विभाग द्वारा भेजी जाती है। इससे भ्रष्टाचार मै कमी आती है और रुपयेभी समय पर प्राप्त हो जाते है।
स्थिति के अनुसार प्रोत्साहन राशि | सरकार द्वारा देय सहायता राशि |
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यदि केवल दूल्हा दिव्यांग हो | ₹15,000 |
जब सिर्फ दुल्हन दिव्यांग हो | ₹20,000 |
जब दूल्हा व दुल्हन दोनों ही दिव्यांग हो तब | ₹35,000 |
दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के लिए पात्रता (Eligibility Criteria)
इस योजना का लाभ पाने के लिए कुछ शर्तों का पूरा होना आवश्यक है। पात्रता मानदंड नीचे दिए गए हैं:
- दिव्यांगता का प्रतिशत:दूल्हा या दुल्हन दोनों में से किसी के भी पास कम से कम 40% दिव्यांगता का प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
- दोनों में से कोई भी उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी हो, अथवा कम से कम 5 वर्षों से राज्य का मूल निवासी होना चाहिए।
- विवाह का कानूनी रूप से प्रमाणित विवाह पंजीकरण होना जरूरी है। बिना पंजीकरण के आवेदन नहीं होगा।
- दुल्हन की आयु – 18 से 45 वर्ष के मध्य व दूल्हे की आयु – 21 से 45 वर्ष के मध्य होनी चाहिए।
- दोनों में से कोई भी व्यक्ति आयकर दाता नहीं होना चाहिए।
- दोनों पति-पत्नी में से किसी पर भी कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए।
- यह सहायता केवल एक ही बार विवाह करने पर दी जाती है। दुबारा विवाह करने की स्थिति में इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
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दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के लाभार्थी कौन-कौन हो सकते हैं?
- वे व्यक्ति जो सामाज के कमजोर वर्ग से आते हैं,
- दिव्यांगता से ग्रसित वे व्यक्ति जिन्हे विवाह के बाद रुपये की आवश्यकता हो और जिनके पास Cmo प्रमाणित दिव्यांगता प्रमाण पत्र मौजूद है।
दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए आवश्यक दस्तावेज (Required Documents)
- आयु का प्रमाण पत्र (जैसे जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, या स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट)
- निवास प्रमाण पत्र (वोटर आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड या बिजली बिल आदि)
- दिव्यांगता प्रमाण पत्र (सक्षम प्राधिकारी (CMO) द्वारा जारी, न्यूनतम 40% का )
- विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र
- संयुक्त पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक पासबुक की कार्बन कॉपी
- आवेदन फॉर्म का प्रिंट आउट
दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के लाभ और प्रभाव
- दिव्यांग नागरिकों का सामाजिक सशक्तिकरण बढ़ा है।
- दिव्यांग लोगों के विवाह संबंधी पहले से बने हुए गलत विचारो में कमी आई है।
- दिव्यांग जोड़ों के जीवन में आर्थिक स्थिरता आई है।
- समाज में समान अवसरों की भावना को बल मिला है।
- सरकार के द्वारा ऑनलाइन आवेदन लेने से भ्रष्टाचार में कमी आई है।
दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना आवेदन का माध्यम (Mode of Application)
- इस योजना मै आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन किया जाता है।
- इसके आवेदन फॉर्म और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, उत्तर प्रदेश की वेबसाइट से की जा सकती है।
- आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद दस्तावेजों की हार्ड कॉपी दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के जिला कार्यालय में जमा करानी होती है।
दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना आवेदन कैसे करे ?
आधिकारिक वेबसाइट: http://divyangjan.upsdc.gov.in से आप नई योजना की अधिसूचना, आवेदन की स्थिति, पात्रता सूची, और लाभार्थी विवरण देख सकते हैं।
दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना आवेदन प्रक्रिया (Application Process)
इस योजना मै आवेदन सिर्फ ऑनलाइन माध्यम से ही किया जा सकता है। कोई भी पात्र व्यक्ति/महिला नीचे दिए गए चरणों का पालन करते हुए आवेदन की प्रक्रिया को पूर्ण कर सकता है:




चरण 4 : प्रिंट आउट जमा करें
आवेदन सबमिट करने के बाद सिस्टम द्वारा उत्पन्न आवेदन फॉर्म का प्रिंट आउट लें।
इसकी हार्ड कॉपी आवश्यक दस्तावेजों के साथ 15 दिनों के भीतर जिला दिव्यांग सशक्तिकरण अधिकारी के कार्यालय में जमा करें।
दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना की समय सीमा और प्रक्रिया की गति
सामान्यतः इसके आवेदन फॉर्म की जांच 30 से 45 दिन के भीतर विभाग के अधिकारियों द्वारा करके राशि को स्वीकृत कर दिया जाता है। स्वीकृत होने के बाद धन राशि को सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तर प्रदेश विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना सिर्फ दिव्यांग नागरिकों को आर्थिक मदद ही नहीं देती, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान से जीने का अवसर भी प्रदान करती है। इस योजना के माध्यम से दिव्यांग जन अपने जीवनसाथी के साथ नई शुरुआत कर सकते हैं और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकते हैं। राज्य सरकार की यह पहल “समानता और समावेश” की भावना को मजबूत बनाती है, जिससे समाज और अधिक संवेदनशील और सहयोगी बनता है।
दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना क्या है?
यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जाती है, जिसके तहत दिव्यांग नागरिकों को विवाह करने पर आर्थिक सहायता दी जाती है ताकि वे समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
2. इस योजना की शुरुआत कब और क्यों की गई?
इस योजना की शुरुआत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, उत्तर प्रदेश ने दिव्यांग जनों को सामाजिक और आर्थिक सहयोग देने के उद्देश्य से की थी।
3. योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य दिव्यांग नागरिकों को विवाह के लिए प्रोत्साहित करना, सामाजिक समानता को बढ़ावा देना और आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
4. इस योजना के अंतर्गत कितनी सहायता राशि दी जाती है?
सहायता राशि 15,000 रुपये से लेकर 35,000 रुपये तक दी जाती है, जो दिव्यांगता की स्थिति पर निर्भर करती है।
5. यदि केवल दूल्हा दिव्यांग हो तो कितनी राशि मिलेगी?
ऐसे मामले में ₹15,000 की राशि प्रदान की जाती है।
6. यदि केवल दुल्हन दिव्यांग हो तो कितनी राशि मिलेगी?
सिर्फ दुल्हन दिव्यांग होने की स्थिति में ₹20,000 की सहायता राशि दी जाती है।
7. यदि दोनों पति-पत्नी दिव्यांग हों तो कितनी राशि मिलती है?
दोनों के दिव्यांग होने पर ₹35,000 की सहायता राशि दी जाती है।
8. योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
इस योजना के लिए आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है, आधिकारिक वेबसाइट है — divyangjan.upsdc.gov.in।
9. आवेदन करने की अंतिम तिथि क्या है?
सरकार द्वारा आवेदन वर्षभर स्वीकार किए जाते हैं, परंतु सहायता राशि निर्गमन की तिथि विभागीय अधिसूचना पर निर्भर करती है।
10. क्या विवाह पंजीकरण अनिवार्य है?
हाँ, कानूनी रूप से प्रमाणित विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र के बिना आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
11. योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी, जिसके पास कम से कम 40% दिव्यांगता का प्रमाण पत्र है, वह इस योजना का लाभ उठा सकता है।
12. आयु सीमा क्या है?
दुल्हन की आयु 18 से 45 वर्ष और दूल्हे की आयु 21 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
13. क्या इस योजना के लिए कोई आय सीमा निर्धारित है?
नहीं, कोई आय सीमा निर्धारित नहीं है, लेकिन आवेदक आयकरदाता नहीं होना चाहिए।
14. योजना के तहत सहायता राशि कैसे दी जाती है?
सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से दी जाती है।
15. आवेदन स्वीकृति में कितना समय लगता है?
आवेदन की जांच और स्वीकृति प्रक्रिया सामान्यतः 30 से 45 दिनों में पूरी हो जाती है।
16. आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज कौन-कौन से हैं?
आधार कार्ड, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण, बैंक पासबुक, पासपोर्ट फोटो आदि आवश्यक हैं।
17. आवेदन के बाद क्या हार्ड कॉपी भी जमा करनी होती है?
हाँ, आवेदन के 15 दिनों के भीतर आवश्यक दस्तावेजों की हार्ड कॉपी जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कार्यालय में जमा करनी होती है।
18. क्या यह योजना सभी राज्यों के लिए लागू है?
नहीं, यह योजना केवल उत्तर प्रदेश राज्य के निवासियों के लिए है।
19. क्या यह सहायता विवाह से पहले मिल सकती है?
नहीं, सहायता राशि केवल विवाह पंजीकरण के बाद ही प्रदान की जाती है।
20. योजना से दिव्यांग समाज को क्या लाभ मिल रहे हैं?
इस योजना से दिव्यांग जोड़ों को आर्थिक स्थिरता मिली है, समाज में सम्मान बढ़ा है और सामाजिक समावेशन को बल मिला है।
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