Shishu Palna Yojana 2025 : आंगनबाड़ी केंद्र सह शिशु पालना गृह योजना

आंगनबाड़ी केंद्र सह Shishu Palna yojana 2025: एक सशक्त पहल

Shishu Palna yojana 2025
Shishu Palna yojana 2025

Shishu Palna yojana 2025 योजना की भूमिका

भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा बाल विकास और महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन्हीं प्रयासों की कड़ी में “आंगनबाड़ी केंद्र सह शिशु पालना गृह” योजना एक विशेष और प्रभावी पहल है। यह योजना न केवल बच्चों की देखरेख और पोषण के लिए उपयुक्त व्यवस्था करती है, बल्कि कामकाजी महिलाओं को भी निर्भीक होकर अपने कार्यस्थल पर काम करने का अवसर प्रदान करती है।

शिशु पालना गृह योजना की शुरुआत और उद्देश्य

यह योजना 18 फरवरी 2015 को प्रारंभ की गई थी, जो राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित व्यक्तिगत श्रेणी की योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों को एक सुरक्षित, पोषणयुक्त और देखभाल युक्त वातावरण प्रदान करना है, ताकि उनकी माताएं रोजगार में पूरी तरह से संलग्न रह सकें।

Shishu Palna Yojana 2025 गृह आईसीडीएस के अंतर्गत संचालन

“आंगनबाड़ी केंद्र सह शिशु पालना गृह” योजना को समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) के अंतर्गत संचालित किया जाता है। राज्य में वर्तमान में 100 आंगनबाड़ी केंद्र सह शिशु पालना गृह कार्यरत हैं।

Shishu Palna Yojana गृह संचालन समय

योजना के तहत केंद्रों का संचालन 8 घंटे प्रतिदिन किया जाता है:

  • ग्रीष्मकालीन (1 अप्रैल – 30 सितंबर): सुबह 8:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक
  • शरदकालीन (1 अक्टूबर – 31 मार्च): सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक

यह समय स्थानीय आवश्यकता के अनुसार बदला जा सकता है।

Shishu Palna Yojana के लाभार्थी कौन हैं?

इस योजना का लाभ मुख्य रूप से कामकाजी महिलाओं को मिलता है, जो अपने 6 माह से 3 वर्ष तक के शिशुओं को केंद्र में सुरक्षित रूप से छोड़ सकती हैं। बच्चों को न केवल आंगनबाड़ी में मिलने वाला पूरक पोषाहार, बल्कि अतिरिक्त पौष्टिक आहार भी उपलब्ध कराया जाता है।

शिशु पालना(Shishu Palna Yojana) गृह कार्यकर्ता (Creche Worker)

शिशु पालना गृह के संचालन के लिए नियुक्त कार्यकर्ताओं का चयन 09 नवंबर 2016 को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाता है। इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की चयन प्रक्रिया के अनुरूप ही होती है।

Shishu Palna yojana 2025 मानदेय

  • शिशु पालना गृह कार्यकर्ता को ₹3000 प्रति माह का मानदेय दिया जाता है।

शिशु पालना गृह कार्य विभाजन का ढांचा

इस योजना में तीन प्रकार के कार्यकर्ता मिलकर कार्य करते हैं:

  1. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
  2. सहायिका
  3. शिशु पालना गृह कार्यकर्ता

Shishu Palna yojana 2025 समय आधारित कार्य विभाजन:

  • पहले 4 घंटे: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कार्य करती हैं।
  • अंतिम 5 घंटे: शिशु पालना गृह कार्यकर्ता कार्य करती है।
  • एक घंटा ओवरलैपिंग (Overlapping): तीनों कार्यकर्ता एक साथ मिलकर कार्य करती हैं, जिससे कार्य का संतुलन बना रहता है।

Shishu Palna yojana 2025 विशेष कार्य जिम्मेदारी:

  • 3 से 6 वर्ष के बच्चों की देखभाल का कार्य मुख्यतः आंगनबाड़ी कार्यकर्ता करती हैं।
  • 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल सहायिका द्वारा की जाती है।

Shishu Palna Yojana गृह आधारभूत संरचना और स्थान

केंद्रों के संचालन हेतु यदि किराए पर कमरा लेना पड़े, तो निम्नलिखित किराया प्रावधान किया गया है:

  • ग्रामीण क्षेत्र: ₹500 प्रति माह
  • शहरी क्षेत्र: ₹1000 प्रति माह

कमरे की आवश्यकताएं:

  • पर्याप्त रोशनी और हवादार होना चाहिए।
  • बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित वातावरण होना आवश्यक है।
  • कमरे के अंदर और बाहर की जगह बाल-हितैषी होनी चाहिए।
  • निगरानी और समुचित प्रबंधन की जिम्मेदारी बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) की होती है।

Shishu Palna Yojana प्रशिक्षण की व्यवस्था

शिशु पालना गृह का संचालन प्रारंभ करने से पहले सभी कार्यकर्ताओं को समुचित प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण में शामिल हैं:

  • बच्चों की देखरेख के तरीके
  • आपातकालीन परिस्थितियों में व्यवहार
  • पोषण व स्वच्छता की जानकारी
  • बाल मनोविज्ञान और व्यवहारिक प्रबंधन

शिशु पालना गृहयोजना के लाभ

लाभार्थी वर्गलाभ
कामकाजी महिलाएंबच्चों की देखभाल की चिंता से मुक्त होकर कार्य में लग सकना
बच्चे (6 माह – 3 वर्ष)सुरक्षित वातावरण, पोषाहार और देखभाल
बाल विकास प्रणालीप्रारंभिक बाल देखभाल की गुणवत्ता में वृद्धि
समाजमहिला सशक्तिकरण और बाल स्वास्थ्य में सुधार

शिशु पालना गृहयोजना की चुनौतियां और समाधान

चुनौतियां:

  • स्थान की कमी
  • कार्यकर्ताओं की सीमित संख्या
  • प्रशिक्षण की सतत निगरानी की आवश्यकता
  • सामुदायिक जागरूकता की कमी

सम्भावित समाधान:

  • निजी भवनों में केंद्र संचालन का प्रावधान
  • नियमित मूल्यांकन और निरीक्षण
  • जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन
  • कार्यकर्ताओं का मासिक पुनः प्रशिक्षण

शिशु पालना गृह योजना भविष्य की दिशा

सरकार इस योजना के और विस्तार की दिशा में अग्रसर है। निकट भविष्य में और अधिक केंद्रों की स्थापना, डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम, और कार्यकर्ताओं की संख्या में वृद्धि जैसी पहल प्रस्तावित हैं।

शिशु पालना गृह योजना के निष्कर्ष

“आंगनबाड़ी केंद्र सह शिशु पालना गृह योजना” एक दूरदर्शी और बाल केंद्रित नीति है जो बाल सुरक्षा, पोषण, और महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण उद्देश्यों को एक साथ साधती है। यदि इसे और अधिक प्रभावी रूप से लागू किया जाए, तो यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता और बच्चों के लिए स्वस्थ जीवन की नींव बन सकती है।

शिशु पालना गृह योजना से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

यह योजना किसके लिए है?
कामकाजी महिलाओं के 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों के लिए।केंद्र का समय क्या है?
गर्मियों में 8:00 AM – 4:00 PM, सर्दियों में 10:00 AM – 6:00 PM।क्या बच्चों को भोजन मिलता है?
हाँ, पूरक पोषाहार और अतिरिक्त आहार दिया जाता है।कार्यकर्ता को कितना मानदेय मिलता है?
₹3000 प्रति माह।क्या कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण मिलता है?
हाँ, संचालन से पहले प्रशिक्षण दिया जाता है।क्या केंद्र किराए पर चल सकते हैं?
हाँ, ग्रामीण में ₹500 और शहरी में ₹1000 प्रति माह किराया अनुमन्य है।केंद्र में कितने घंटे की देखभाल होती है?
प्रतिदिन 8 घंटे।केंद्र की निगरानी कौन करता है?
बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO)।

Shishu Palna Yojana स्रोत व अद्यतन सूचना

इस लेख में दी गई जानकारी राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों और ICDS विभाग की रिपोर्ट्स के अनुसार है। योजना से संबंधित किसी भी प्रकार के नवीनतम अपडेट के लिए संबंधित जिला बाल विकास कार्यालय या राज्य की अधिकारिक वेबसाइट पर संपर्क किया जा सकता है।

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शिशु पालना योजना 2025 से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQ)

Q1. शिशु पालना योजना 2025 क्या है?
यह योजना गरीब और असहाय परिवारों के बच्चों को सुरक्षित आश्रय, भोजन और देखभाल देने के लिए शुरू की गई है।

Q2. इस योजना का लाभ किन्हें मिलेगा?
निर्धन, अनाथ, बेसहारा और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को योजना का लाभ दिया जाएगा।

Q3. योजना का उद्देश्य क्या है?
बच्चों को सुरक्षित वातावरण, पोषण और शिक्षा उपलब्ध कराना।

Q4. योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
आप निकटतम आंगनबाड़ी केंद्र, महिला एवं बाल विकास विभाग या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन कर सकते हैं।

Q5. आवेदन के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं?
जन्म प्रमाण पत्र, परिवार पहचान पत्र, अभिभावक का पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र आदि।

Q6. क्या यह योजना पूरे भारत में लागू है?
हाँ, इसे राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों के सहयोग से चलाया जा रहा है।

Q7. क्या बच्चे को आश्रय स्थल पर ही रहना होगा?
यह स्थिति पर निर्भर करेगा। जिन बच्चों को घर में सही देखभाल नहीं मिलती, उन्हें आश्रय स्थल पर रखा जाएगा।

Q8. इस योजना से बच्चों को क्या लाभ मिलेगा?
सुरक्षित आश्रय, पौष्टिक आहार, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और मानसिक विकास।

Q9. योजना के लिए आय सीमा क्या है?
केवल निर्धन और बीपीएल परिवारों के बच्चों को इसका लाभ मिलेगा।

Q10. क्या शिशु पालना योजना के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो सकता है?
हाँ, महिला एवं बाल विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा है।

Q11. योजना में बच्चों को कौन देखभाल करेगा?
प्रशिक्षित कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी बहनें और सामाजिक कार्यकर्ता बच्चों की देखभाल करेंगे।

Q12. इस योजना में बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था कैसे होगी?
बच्चों को नजदीकी सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाकर मुफ्त शिक्षा दी जाएगी।

Q13. क्या इस योजना में पोषण आहार भी दिया जाता है?
जी हाँ, बच्चों को संतुलित और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाता है।

Q14. शिशु पालना योजना कब शुरू हुई?
यह योजना 2025 में गरीब और बेसहारा बच्चों के लिए सरकार द्वारा लागू की गई।

Q15. योजना के लिए हेल्पलाइन नंबर क्या है?
प्रत्येक राज्य का अलग हेल्पलाइन नंबर होगा, जो महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त किया जा सकता है।

Q16. क्या यह योजना सिर्फ अनाथ बच्चों के लिए है?
नहीं, यह उन सभी बच्चों के लिए है जिन्हें उचित देखभाल और पोषण की जरूरत है।

Q17. योजना में बच्चे की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी?
सरकारी निगरानी और प्रशिक्षित स्टाफ के माध्यम से बच्चों की सुरक्षा और देखभाल की जाएगी।

Q18. इस योजना में कितनी उम्र तक के बच्चों को शामिल किया जाएगा?
0 से 6 वर्ष तक के छोटे बच्चों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी।

Q19. क्या योजना का लाभ लेने के लिए शुल्क देना होगा?
नहीं, यह योजना पूरी तरह निशुल्क है।

Q20. शिशु पालना योजना का संचालन कौन करता है?
इसका संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाता है।

Q21. योजना से जुड़ी ताज़ा जानकारी कहाँ मिलेगी?
आप महिला एवं बाल विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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