UP Matritva-Shishu Evam Baalika Madad Yojana के बारे मै।

इस ब्लॉग में क्या-क्या है

उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना क्या है और क्यों शुरू हुई

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा “Matritva-Shishu Evam Baalika Madad Yojana” की शुरुआत राज्य की महिला श्रमिकों और निर्माण श्रमिक पति-पत्नी वाले परिवारों के लिए की गई है। यह योजना उन परिवारों के लिए है जो “भवन एवं अन्य निर्माण कार्यों” से जुड़े हुए हैं।
मुख्य रूप से इस योजना का उद्देश्य है:

  • गर्भवती महिला श्रमिक या श्रमिक की पत्नी को गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद आराम और पोषण के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।
  • नवजात शिशु और बालिका को जन्म से लेकर 2 साल की उम्र तक बेहतर देखभाल, पोषण और स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलें यही इस योजना का दूसरा उद्देश्य है।
  • बेटियों के प्रति समाज में सकारात्मक सोच बढ़ाने के लिए भी यह “उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना” खास है। अगर पहली या दूसरी संतान बेटी होती है तो विशेष आर्थिक मदद दी जाती है। वहीं, दिव्यांग बालिका के जन्म पर अतिरिक्त सहायता राशि दी जाती है।

देखा जाए तो यह योजना सिर्फ बच्चे पैदा होने के समय पैसा देने के लिए नहीं है, बल्कि पूरे मातृत्व, शिशु और बालिका के देखभाल तक की प्रक्रिया में मदद पहुँचाने का प्रयास है,एक शब्द मै कहा जाए तो गर्भावस्था से लेकर बच्चे के पालन-पोषण और बेटियों की सुरक्षा तक।

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उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना के मुख्य लाभ (क्या-क्या मिलेगा)

योजना को दो बड़े भागों में बाँटा जा सकता है: मातृत्व हितलाभ और शिशु/बालिका हितलाभ

मातृत्व हितलाभ

  • यदि पति लेबर डिपार्ट्मन्ट उत्तर प्रदेश मै पंजीकृत निर्माण श्रमिक है या महिला स्वयं श्रमिक है, तो उसे यह 6,000 रुपये की सहायता राशि एक ही किस्त मै दी जाती है।
  • यदि लेबर डिपार्ट्मन्ट मै पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिक का बच्चा किसी Govt. hospital या सरकारी मान्यता प्राप्त hospital में होता है, तो उसे तीन महिने के कम से कम वेतन के बराबर सहायता राशि तथा ₹1,000 का एक्स्ट्रा उपचार के लिए बोनस दिया जाता है।
  • बच्चा गिर जाने की स्थिति में, महिला श्रमिक को लगभग छह सप्ताह के कम से कम वेतन के बराबर सहायता राशि दी जाती है।
  • नसबंदी करवाने पर महिला श्रमिक को लगभग दो सप्ताह के कम से कम वेतन के बराबर राशि प्रदान की जाती है।

शिशु एवं बालिका हितलाभ

  • यदि नवजात शिशु लड़का होता है तो 20,000 रुपये की राशि एक ही किस्त मै दी जाएगी।
  • यदि लड़की पैदा होती है तो 25,000 रुपये की राशि एक ही किस्त मै दी जाएगी।
  • यदि पहली या दूसरी संतान लड़की हो (या कानूनी रूप से गोद ली गई लड़की हो) 25,000 रुपये सावधि जमा (FD) के रूप में दी जाएगी, जो उस लड़की की 18 वर्ष की आयु और अविवाहित स्थिति पर पूरी होगी।
  • यदि विकलांग लड़की पैदा होती है तो 50000 रुपये सावधि जमा के रूप में (FD परिपक्वता की अवधि: 18 वर्ष की आयु तक अविवाहित रहने पर)।

इन लाभों से स्पष्ट है कि योजना मातृत्व के समय लागत को कम करना चाहती है और बालिका-सुरक्षा तथा पोषण का समर्थन भी करती है।

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उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना की पात्रता – कौन लाभ ले सकता है

Matritva-Shishu Evam Baalika Madad Yojana के अंतर्गत लाभ लेने के लिए कुछ विशेष शर्तें हैं, जिन्हें पूरा करना आवश्यक है।

जन्म-मातृत्व (मातृत्व लाभ) के लिए

  • इस योजना का लाभ लेने के लिए महिला उत्तर प्रदेश की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
  • अगर महिला निर्माण श्रमिक होने की दिशा में संस्थागत प्रसव के केस मै श्रमिक विभाग में पंजीकृत होनी चाहिए (या पुरुष निर्माण श्रमिक की पत्नी होनी चाहिए)।
  • महिला की आयु कम-से-कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
  • मातृत्व लाभ केवल श्रमिक के प्रथम दो प्रसवों तक ही मिलेगा।

शिशु एवं बालिका हित-लाभ के लिए

  • परिवार में जन्मी अगर पहली संतान लड़की हो या दूसरी संतान भी लड़की हो तब भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
  • यदि परिवार में कोई संतान नहीं है या कानूनी रूप से गोद ली गई लड़की है तो भी पहली बालिका के रूप में लाभ मिल सकता है।
  • इस योजना का लड़की के लिए सावधि जमा का लाभ तभी मिलेगा जब लड़की 18 वर्ष की आयु तक अविवाहित रहे।
  • यदि लाभार्थी महिला किसी अन्य इसी तरह की सरकारी योजना का लाभ already ले रही हो, तो इस योजना से लाभ नहीं दिया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना के आवश्यक दस्तावेज़

Matritva-Shishu Evam Baalika Madad Yojana के लाभ के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:

  • आधार कार्ड।
  • पंजीकृत निर्माण श्रमिक का पहचान पत्र व श्रमिक पंजीकरण/कार्ड की फोटोकॉपी
  • शिशु का जन्म प्रमाण पत्र (जन्म होने पर) — लड़का या लड़की, जो जन्म के बाद जारी हुआ हो।
  • राजकीय अस्पताल में हुए प्रसव का प्रमाण पत्र (मेडिकल अधिकारी द्वारा जारी) यदि प्रसव संस्थागत हुआ होना चाहिए।
  • राजकीय अस्पताल में संस्थागत गर्भपात या नसबंदी का प्रमाण पत्र (यदि लागू हो तो)
  • बैंक खाता विवरण / पासबुक की कॉपी (पैसा सीधे खाते में आएंगे)
  • यदि लड़की है जिसे गोद लिया गया हो, तो गोद लेने का वैधानिक कोई दस्तावेज ।
  • आंगनवाड़ी पंजीकरण प्रमाण या अन्य महत्वपूर्ण प्रमाण कि बच्चा पंजीकृत है (शिशु सहायता हेतु)

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उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना मै आवेदन प्रक्रिया – कैसे करें आवेदन

Matritva-Shishu Evam Baalika Madad Yojana का लाभ लेने के लिए निम्न-प्रक्रिया अपनानी होगी:

ऑनलाइन एवं ऑफलाइन विकल्प

  • आवेदनकर्ता ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं (श्रम विभाग, उत्तर प्रदेश के पोर्टल द्वारा)।
  • अथवा ऑफलाइन आवेदन भी संभव है — निकटतम श्रम कार्यालय, तहसीलदार कार्यालय या विकास खंड कार्यालय जाकर फॉर्म प्राप्त करना और जमा करना।

स्टेप वाइज़ स्टेप आवेदन प्रक्रिया

  1. पहले यह सुनिश्चित करें कि आप पंजीकृत निर्माण श्रमिक हैं या निर्माण श्रमिक की पत्नी हैं और आपके पास श्रमिक कार्ड / लेबर पंजीकरण प्रमाण पत्र है।
  2. लेबर डिपार्ट्मन्ट के नजदीकी कार्यालय में जाकर आवेदन फॉर्म लें सकते है या ग्राहक सेवा केंद्र पर भी उपलब्ध है।
  3. आवेदन फॉर्म में माँगे गई सभी जानकारी भरें जैसे — नाम, पता, श्रमिक पंजीकरण संख्या, गर्भावस्था/प्रसव संबंधी विवरण, शिशु-जन्म प्रमाण आदि।
  4. आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें जो ऊपर दिए गए है।
  5. फॉर्म जमा करें संबंधित कार्यालय में या ऑनलाइन सबमिट करें।
  6. जमा करने के बाद आवेदन की स्थिति-स्टेटस देखें और बैंक खाते में राशि आने की सूचना पाएँ।
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“उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना” आवेदन करने के लिए हम लेबर विभाग की वेबसाईट पर आकर के “योजना आवेदन के कॉलम पर क्लिक करेंगे।
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जिस भी लेबर मंडल मै आपके श्रमिक कार्ड का पंजीकरण हो रहा है उसका चयन करेंगे,
उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना के नाम का चयन करेंगे,
श्रमिक का आधार नंबर व मोबाईल नंबर दर्ज कर-आवेदन पत्र खोले के आइकन पर क्लिक करेंगे, लेबर कार्ड का ओटीपी भेज कर प्रमणित करेंगे,
इसके बाद आधार ओटीपी भेज कर प्रमाणित कर लेंगे

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ओटीपी के प्रमणित होने के बाद आपके सामने डाटा को वेरी फ़ाई करने के लिए फॉर्म खुलेगा प्रमाणित कर लेंगे।
यदि डाटा प्रमाणित नहीं होता है तो दूसरा तरीका अपनाएंगे जो नीचे दिया गया है।
UP Matritva Shishu Evam Baalika Madad Yojana form 4applyYojana-image
अगर प्रमणिकरण सफलतापूर्वक नहीं होता है तो पंजीकरण नवीनीकरण के आइकन पर क्लिक करेंगे।
श्रमिक कार्ड का नंबर दर्ज कर सर्च करेंगे ओटीपी दर्ज करके प्रमणिकरण की प्रक्रिया पूर्ण कर वापस होम पर आ जाएंगे।
अब” योजना आवेदन” के लिंक पर क्लिक कर लेंगे।
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अब आपके सामने ऐसा आवेदन फॉर्म खुलेगा ज्यादातर डाटा पहले से ही भरा हुआ आएगा।
आपके लड़का या लड़की जिसका भी जन्म हुआ है उसका चयन कर जन्म प्रमाण पत्र की संख्या दर्ज कर,जन्मदिनांक डालने के बाद सभी डाटा ऑटो फेच हो कर डाल जाता है,
यदि बच्चा विकलांग है या नहीं उसका चयन करके नेक्स्ट ऑप्शन पर आएंगे।
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यदि बच्चा गोद लिया है तो हा करकर विवरण भरेंगे नहीं लिया है तो ना करके दस्तावेज अपलोड के आइकन पर आएंगे।
बच्चा गोद लिया है तो दस्तावेज अपलोड करेंगे प्रसव,गर्भपात ,नसबंदी,जन्म प्रमाण पत्र मैसे जो भी लागू हो अपलोड करके नेक्स्ट नियोजन प्रमाण पत्र या कार्य प्रमाण पत्र अपलोड कर देंगे।
यदि फॉर्मैट नहीं है तो नीचे से अपलोड कर लेंगे,
परिवार रजिस्टर की प्रति अपलोड कर देंगे। आवेदन की जांच कर फाइनल सबमिट करके पंजीकरण संख्या नोट कर लेंगे।

उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना मै आवेदन की स्तिथि कैसे देखे

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Uttar Pradesh Maternity-Child and Girl Child Help Scheme” के आवेदन की स्तिथि जानने के लिए होम पेज के मेनूबार मै “योजनाए” के टेब मै “योजना आवेदन की स्तिथि” पर क्लिक करेंगे,आवेदन संख्या व श्रमिक संख्या दर्ज करके आवेदन की स्तिथि देख सकते है

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उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना की विशेष बातें और सुझाव

  • यह Matritva-Shishu Evam Baalika Madad Yojana निर्माण श्रमिकों के लिए है — इसलिए यदि आपकी पृष्ठभूमि तत्कालीन नहीं है, तो योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
  • लाभ लेने के लिए समय सीमा हो सकती है — जैसे प्रसव के बाद 1 वर्ष के अंदर आवेदन करना। (उदाहरण के लिए घाज़ियाबाद जिले के विवरण में यह अंकित है)
  • बैंक खाता होना और उसमें सीएससी-रजिस्ट्री या अन्य साइबर सुविधा से लिंक होना लाभप्रद है — क्योंकि राशि बैंक खाते के माध्यम से ही दी जाती है।
  • सावधि जमा-वाले लाभ (लड़की के लिए) में यह जान-बूझकर देखना होगा कि लड़की 18 वर्ष की आयु तक अविवाहित बनी रहे — यह एक सामाजिक पहलू भी है।
  • इस तरह की योजना सिर्फ राशि देने तक सीमित नहीं है — यह सामाजिक सोच बदलने की दिशा में है — जैसे बेटियों की सुरक्षा, प्रथम/द्वितीय संतान-लड़की आदि। इसे समझना महत्वपूर्ण है।
  • दस्तावेजों में कमी या गलत विवरण से आवेदन रद्द हो सकता है — इसलिए फॉर्म भरते समय सावधानी बरतें।
  • यदि आपने पहले से इस श्रेणी में किसी अन्य योजना का लाभ लिया है तो इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता — इसे ध्यान में रखें।
  • यदि मामला विवादित हो (जैसे प्रसव सरकारी अस्पताल से नहीं हुआ, या श्रमिक पंजीकरण नहीं था) तो लाभ नहीं मिलेगा — ऐसे मामलों में आवेदन करने से पहले अपने कार्यालय से स्थिति पूछें।
  • समय-समय पर योजना की शर्तों में बदलाव हो सकते हैं — इसलिए आवेदन करने से पहले अधिकारिक स्रोत या श्रम विभाग की वेबसाइट देखें।

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उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना को उदाहरण द्वारा समझना

उदाहरण के लिए सीमा नाम की महिला लेबर डिपार्ट्मन्ट उत्तर प्रदेश मै रजिस्टर्ड हैं और वह इसी राज्य की रहने वाली हैं,और उसके पास श्रमिक कार्ड है। अभी उनकी गर्भावस्था हुई और उन्होंने अस्पताल में प्रसव कराया। इस स्थिति में:

  • सीमा को गर्भावस्था के बाद आराम करने और शिशु की देखभाल के लिए “तीन महीने का कम से कम वेतन + 1000रुपये का बोनस” मिलेगा।
  • इनके यदि एक बेटा पैदा हुआ है तो एक किस्त मै 20,000 रुपये की राशि मिलेगी
  • यदि एक लड़की पैदा हुई और वह पहली या दूसरी संतान है, तो सहायता के अंतर्गत 20,000 रुपये की एफ डी का लाभ सरकार द्वारा दिया जाएगा —जिसे लड़की के द्वारा ही बिना शादी किए हुए 18 वर्ष पूरे होने पर ही निकाला जा सकेगा।
  • इस अवधि में उन्हें गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के समय और प्रसव के बाद की आर्थिक जरूरतों तथा पोषण और देखभाल में सरकार की ओर से पूरा सहयोग और सहायता प्राप्त होती है।

इस तरह सीमा और उसके परिवार को आर्थिक एवं सामाजिक दोनों तरह से मदद मिली है — इस तरह की योजनाएँ आर्थिक-कमजोर श्रमिक परिवारों को स्थिरता देती हैं।

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उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना का सामाजिक महत्व

  • इस Matritva-Shishu Evam Baalika Madad Yojana के माध्यम से भवन निर्माण श्रमिक परिवारों की महिलाएं मातृत्व के समय काम छोड़ने और आराम करने की स्थिति में आती हैं जिससे माँ और शिशु दोनों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
  • इस योजना से लड़कियों के जन्म के बाद परिवारों में अच्छी सोच बढ़ती है। जब बेटी के जन्म पर भी सहायता मिलती है, तो लोग बेटियों को बोझ नहीं बल्कि खुशी मानने लगते हैं।
  • यह योजना लड़कियों की पढ़ाई, सेहत और सुरक्षा में मदद करती है। जमा की गई राशि से परिवार को लगता है कि उन्हें बेटी के भविष्य का ध्यान रखना है
  • गरीब और मजदूर परिवारों को भी इससे राहत मिलती है क्योंकि यह योजना आर्थिक मदद और सुरक्षा दोनों देती है।
  • साथ ही, मातृत्व, शिशु और बालिका मदद योजना का फायदा सीधे मजदूर परिवारों को मिलता है, जिससे बिचौलियों का कोई रोल नहीं रहता और मदद सही लोगों तक पहुँच जाती है।

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उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना की बातें जिन्हें ध्यान में रखें / चुनौतियाँ

  • पंजीकरण कराना जरूरी है। अगर श्रमिक का नाम रजिस्टर में नहीं है, तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
  • समय पर आवेदन करें। बहुत देर से आवेदन करने पर पैसा रुक सकता है।
  • लड़की के लिए मिलने वाला जमा लाभ (FD वाला लाभ) बच्ची के 18 साल की होने पर मिलेगा, इसलिए इसे लंबे समय की मदद के रूप में समझें।
  • पैसा मिलने के बाद बैंक खाते को समय-समय पर चेक करते रहें, ताकि कोई दिक्कत न हो।
  • कुछ जगहों पर अभी भी लोग बेटियों के जन्म को अच्छा नहीं मानते। ऐसी योजनाएँ इस सोच को बदलने में मदद करती हैं, लेकिन बदलाव धीरे-धीरे होता है।
  • अस्पताल में प्रसव, जन्म प्रमाण पत्र और आंगनवाड़ी में नाम लिखवाना जैसे काम समय पर करें, ताकि कोई दिक्कत या देरी न हो।
  • अगर आवेदन खारिज हो जाए, तो जिला श्रम कार्यालय या निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड से जाकर पूरी जानकारी लें और सुधार करवाएँ।
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उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना 2026 ऑनलाइन आवेदन लिंक

सभी लिंक सरकारी पोर्टल के हैं। क्लिक करने पर नया पेज खुलेगा।

UP Matritva-Shishu Evam Balika Madad Yojana 2026 Offline Form

उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना 2026

यह फॉर्म उत्तर प्रदेश में मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना के ऑफ़लाइन आवेदन हेतु है।


📥 डाउनलोड करें

उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना के निष्कर्ष

अगर आप या आपका परिवार मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना (Matritva-Shishu Evam Baalika Madad Yojana) के अंतर्गत आते हैं यानी आप उत्तर प्रदेश के पंजीकृत निर्माण श्रमिक हैं या आपकी पत्नी/पति पंजीकृत श्रमिक हैं तो यह योजना आपके लिए बहुत उपयोगी है।

यह योजना गर्भावस्था और प्रसव के समय आर्थिक बोझ कम करती है, शिशु की देखभाल आसान बनाती है, और बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने का संदेश देती है।

आपको बस पंजीकरण, आवश्यक दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया को समय पर पूरा करना होता है।

उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना FAQs

1. प्रश्न: उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना क्या है?
उत्तर: यह योजना उत्तर प्रदेश के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों और उनकी पत्नियों के लिए है, जिसमें गर्भावस्था, प्रसव और बालिका जन्म पर आर्थिक सहायता दी जाती है।

2. प्रश्न: इस उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: योजना का उद्देश्य गर्भवती महिला श्रमिक या श्रमिक की पत्नी को गर्भावस्था के दौरान पोषण और देखभाल हेतु आर्थिक सहायता देना तथा बालिका के जन्म पर प्रोत्साहन राशि प्रदान करना है।

3. प्रश्न: उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना का लाभ किन लोगों को मिलेगा?
उत्तर: केवल उत्तर प्रदेश के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों या उनकी पत्नियों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा।

4. प्रश्न: मातृत्व लाभ के अंतर्गत कितनी राशि दी जाती है?
उत्तर: गर्भवती महिला या श्रमिक की पत्नी को ₹6,000 की एकमुश्त राशि दी जाती है।

5. प्रश्न: अगर महिला का प्रसव सरकारी अस्पताल में होता है तो क्या अतिरिक्त लाभ मिलता है?
उत्तर: हाँ, तीन महीने के कम से कम वेतन के बराबर राशि और ₹1,000 का बोनस अतिरिक्त दिया जाता है।

6. प्रश्न: यदि बच्चा गिर जाए या गर्भपात हो जाए तो क्या सहायता मिलती है?
उत्तर: हाँ, ऐसी स्थिति में छह सप्ताह के कम से कम वेतन के बराबर सहायता राशि दी जाती है।

7. प्रश्न: नसबंदी करवाने पर क्या उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना से क्या लाभ है?
उत्तर: नसबंदी करवाने पर दो सप्ताह के कम से कम वेतन के बराबर राशि दी जाती है।

8. प्रश्न: अगर पुत्र जन्म होता है तो कितनी राशि दी जाती है?
उत्तर: पुत्र के जन्म पर ₹20,000 की एकमुश्त राशि दी जाती है।

9. प्रश्न: यदि बेटी जन्म लेती है तो इस उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना से कितनी राशि मिलेगी?
उत्तर: बेटी के जन्म पर ₹25,000 की राशि दी जाती है।

10. प्रश्न: अगर विकलांग (दिव्यांग) बालिका का जन्म होता है तो क्या विशेष सहायता मिलती है?
उत्तर: हाँ, विकलांग बालिका के जन्म पर ₹50,000 सावधि जमा (FD) के रूप में दी जाती है।

11. प्रश्न: सावधि जमा (FD) कब परिपक्व होगी?
उत्तर: FD तब परिपक्व होगी जब लड़की 18 वर्ष की आयु पूरी कर ले और अविवाहित रहे।

12. प्रश्न: इस उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना का लाभ कितनी बार मिल सकता है?
उत्तर: मातृत्व लाभ केवल पहले दो प्रसवों तक ही मिलेगा।

13. प्रश्न: उत्तर प्रदेश मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद योजना के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं?
उत्तर: आधार कार्ड, श्रमिक पंजीकरण कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, अस्पताल प्रसव प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक की कॉपी, आंगनवाड़ी पंजीकरण प्रमाण आदि।

14. प्रश्न: क्या इस योजना में ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, आवेदन ऑनलाइन श्रम विभाग उत्तर प्रदेश की वेबसाइट से किया जा सकता है।

15. प्रश्न: ऑफलाइन आवेदन कहाँ किया जा सकता है?
उत्तर: निकटतम श्रम कार्यालय, तहसील या विकास खंड कार्यालय में जाकर फॉर्म भरकर जमा किया जा सकता है।

16. प्रश्न: आवेदन की स्थिति (Status) कैसे जांचें?
उत्तर: श्रम विभाग की वेबसाइट पर “योजना आवेदन की स्थिति” टैब में जाकर आवेदन संख्या व श्रमिक संख्या दर्ज कर स्थिति देखी जा सकती है।

17. प्रश्न: क्या बिना पंजीकरण के लाभ मिल सकता है?
उत्तर: नहीं, श्रमिक पंजीकरण अनिवार्य है। बिना रजिस्ट्रेशन लाभ नहीं मिलेगा।

18. प्रश्न: आवेदन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: सभी दस्तावेज सही तरीके से संलग्न करें, जानकारी सही भरें और समय सीमा के भीतर आवेदन करें।

19. प्रश्न: क्या यह योजना केवल आर्थिक सहायता तक सीमित है?
उत्तर: नहीं, यह योजना बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच और मातृत्व स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का भी प्रयास है।

20. प्रश्न: योजना से समाज को क्या लाभ मिलता है?
उत्तर: इससे मजदूर परिवारों की महिलाओं और बच्चियों को आर्थिक सुरक्षा मिलती है और समाज में बेटियों के प्रति समानता और सम्मान की भावना बढ़ती है।

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